SB News Network, Rajasthan Railway Line: राजस्थान में लूनी-जालोर-भीलडी रेल खंड में रेल लाइन के समकक्ष एक ओर रेल लाइन बिछाए जाने का काम अब शुरू हो चुका है। 278 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए 2024 के अंत में कार्य आदेश जारी किए गए थे।
चार हिस्सों में बंटकर काम चल रहा है और रेलवे विभाग ने इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, 250 से ज्यादा छोटे-बड़े पुलों के निर्माण के कारण कुछ देरी की आशंका है।
व्यावसायिक गलियारे के रूप में उभरेगा
यह रेलखंड समदारी-भीलडी के बीच एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक गलियारा है, जो कांडला बंदरगाह और गांधीधाम से जुड़ा है। रोजाना 45-50 मालगाड़ियां, जिनमें 120 डिब्बों की लंबी हॉल और डबल डेकर ट्रेनें शामिल हैं, इस मार्ग से गुजरती हैं। मालगाड़ियों की भारी आवाजाही से यात्री ट्रेनों का संचालन अक्सर प्रभावित होता है। दोहरीकरण के बाद माल और यात्री ट्रेनों के लिए अलग-अलग ट्रैक होंगे, जिससे रेल संचालन में सुधार होगा।
8 से 10 प्रतिशत तक पूरा हो गया काम
पिछले पांच महीनों में 8-10% काम पूरा हुआ है। पहले मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलाव के दौरान कुछ हिस्सों की चौड़ाई बढ़ाई गई थी, लेकिन अब दोहरीकरण के लिए संकरे क्षेत्रों को और चौड़ा करने, मिट्टी काटने और पुलों की चौड़ाई बढ़ाने का काम चल रहा है।
जालोर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर दो की शंटिंग के साथ नया भवन बनेगा, और मौजूदा लाइन नंबर तीन भविष्य में मुख्य दोहरीकृत लाइन होगी।
4 चरणों में हो रहा काम
इस रेल परियोजना के काम को गति देने के लिए इसे 4 हिस्सों में बांटा गया है। पहला भीलडी से मारवाड़ कोराय 90 किमी, दूसरा भाग मारवाड़ कोराय से मोदरान 50 किमी, तीसरा मोदरान से बिशनगढ़: 50 किमी, चौथा चरण बिशनगढ़ से लूनी: 95 किमी, इस मार्ग पर नदी-नालों वाले क्षेत्रों में 200 से ज्यादा छोटे-बड़े पुल बनाए जाएंगे। मारवाड़ कोराय से भीलडी के बीच 6 नए स्टेशन भवन और 7 फुट ओवरब्रिज भी बनेंगे।
बजट को मिल चुकी मंजुरी
8 फरवरी 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने राजस्थान की तीन रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिनमें लूनी-जालोर-भीलडी शामिल है। इसके लिए 3530.92 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। अन्य परियोजनाओं में जयपुर-सवाईमाधोपुर और अजमेर-चंदरिया शामिल हैं।
दोहरीकरण पूरा होने पर यह रेल खंड क्षेत्र की कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देगा। मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों का संचालन सुगम होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। रेलवे विभाग समयसीमा में काम पूरा करने के लिए प्रयासरत है।