Unique Fact: यहाँ महिलाओं को नसीब नहीं होते कपड़े, पूरा गाँव देखता है इन महिलाओं का खुला बदन

SB News Desk, नई दिल्ली: भारत देश में भेदभाव जातिवाद यह चीजें खत्म हो गई है. लेकिन भारत में कई ऐसे गांव हैं जिसमें यह परंपरा चलती आ रही है.आज हम आपको एक ऐसे काम के बारे में बता रहे हैं जिसमें महिलाओं को मजबूर होना पड़ता है कि पैन परंपराओं का पालन करें यहां पर महिलाओं को 5 दिन तक बिना कपड़ों के रहना पड़ता है.
यह परंपरा लंबे समय से चलती आ रही है बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के मणिकर्ण घाटी का है इसमें हर साल सावन के महीने में महिलाएं 5 दिनों तक कपड़े नहीं पहनती है.
अगर महिला इस परंपरा का पालन नहीं करती है तो उसको कुछ ही समय में कोई पूरी खबर मिली जाती है इस दौरान पूरे गांव में पति पत्नी आपस में बातचीत नहीं करते एक दूसरे से दूर रहते हैं.
यह खास नियम बनाया गया है कि 5 दिनों तक ना तो महिला कपड़ा पहने गी ना ही पुरुष के पास जाएगी ना ही शराब और मांस का सेवन नहीं करेंगे यह बात सिर्फ पुरुष लागू होती है.
अगर बताया जाता है कि इस परंपरा को सही रूप से निभाया जाए देवी देवता नाराज नहीं होते और ना उसका कभी बड़ा नुकसान होता है.
हिमाचल प्रदेश का के पिणी गांव में चलती है ये प्रथा
बताया जाता है कि बहुत समय पहले इस गांव में राक्षसों का आतंक था. इसके बाद 'लाहुआ घोंड' नामक एक देवता पिणी गांव आए और उन्होंने राक्षस का वध करके गांव को बचाया.
ये सभी राक्षस गांव की सजी-धजी और सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठा ले जाते थे. देवताओं ने राक्षसों का वध करके महिलाओं को इससे बचाया. इसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है.
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