Smoke Free Country: दुनिया में पहली बार लगा सिगरेट स्मोकिंग पर BAN, इस देश ने लागू किया सख्त कानून

Lifetime ban on youth buying cigarettes: दुनिया में पहली बार किसी देश की सरकार ने स्मोकिंग (Smoking) के खिलाफ बेहद कड़ा कानून लागू किया है. न्यूजीलैंड (New Zealand) की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की सरकार ने युवाओं पर सिगरेट खरीदने पर आजीवन बैन लगाकर टोबैको स्मोकिंग (Tobacco Smoking) को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक कानून पारित किया है.
क्या कहता है नया कानून?
तंबाकू मुक्त देश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे इस देश ने पुख्ता तैयारी के साथ इस दिशा में अपने कदम बढ़ाए हैं. इसके व्यापक नतीजे निकलने का अनुमान लगाया जा रहा है. युवाओं के सिगरेट खरीदने पर आजीवन प्रतिबंध लगाकर टोबैको स्मोकिंग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जो कानून बना है उसके मुताबिक तत्काल प्रभाव से 1 जनवरी, 2009 के बाद पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को न्यूजीलैंड में तंबाकू नहीं बेची जा सकती है.
नए कानून के तहत सिगरेट खरीदने की न्यूनतम उम्र समय के साथ-साथ बढ़ती रहेगी. सैद्धांतिक रूप से, कोई व्यक्ति जो अब से 50 साल बाद सिगरेट का एक पैकेट खरीदने की कोशिश करेगा, उसे यह साबित करने के लिए पहचान पत्र की आवश्यकता होगी कि वो कम से कम 63 साल का हो चुका है.
सिगरेट के पैकेट के लिए आईकार्ड जरूरी
सिगरेट खरीदने के लिए अब लोगों को हर जगह अपनी उम्र का प्रूफ देने वाली आईडी दिखानी होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूजीलैंड की 2025 तक देश को धूम्रपान मुक्त बनाने की योजना है. स्टैटिस्टिक्स न्यूज़ीलैंड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, न्यूजीलैंड के करीब 8% वयस्क धूम्रपान करते हैं. यह बैन सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने के कई सालों बाद आया है.
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
देश के स्वास्थ्य मंत्री को उम्मीद है कि इस कानून से देश में धूम्रपान कम हो जाएगा. इस फैसले से यहां तंबाकू बेचने के लिए अनुमति प्राप्त दुकानदारों की संख्या 6000 से घटकर 600 हो जाएगी और धूम्रपान वाले तंबाकू में निकोटीन की मात्रा भी कम होगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ आयशा वेराल के मुताबिक, ‘ऐसे उत्पाद को बेचने की इजाजत देने की कोई अच्छी वजह नहीं है, इसका इस्तेमाल लाखों लोगों की जान ले लेता है. मैं आपको बता सकती हूं कि हम इसे भविष्य में पूरी तरह खत्म कर देंगे. नई स्वास्थ्य प्रणाली धूम्रपान से होने वाली बीमारियों, जैसे कि कैंसर, दिल का दौरा, हृदयाघात के इलाज के लिए अरबों डॉलर की बचत करेगी.’
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