PM मोदी ने 'Muscular Dystrophy' डिजीज को बताया चैलेंज, जानें क्या है मसल्स तोड़ देने वाली ये बला

पीएम मोदी ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान की दुनिया ने अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों की मदद से बहुत प्रगति की है, लेकिन कुछ बीमारियां आज भी हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। ऐसी ही एक बीमारी है – मस्कुलर डिस्ट्रॉफी। यह मुख्य रूप से एक आनुवंशिक बीमारी है जो किसी भी उम्र में हो सकती है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। रोगी के लिए अपने दैनिक जीवन के छोटे-छोटे काम करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे रोगियों की सेवा के लिए मानव मंदिर जैसे प्रयासों की आवश्यकता है।
जबकि प्रधानमंत्री ने इस बीमारी के बारे में विस्तार से बात की, फिर भी कई लोग हैं जिन्हें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में यहां हम आपको इस दुर्लभ आनुवंशिक स्वास्थ्य विकार के बारे में बता रहें हैं।
क्या है मानव मंदिर

पीएम मोदी ने मानव मंदिर के बारे में बात करते हुए बताया कि मानव मंदिर इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी द्वारा संचालित एक छोटा स्वास्थ्य क्लिनिक है, जिसमें मरीजों के लिए ओपीडी और प्रवेश सेवाएं उपलब्ध हैं। इसे तीन-चार साल पहले शुरू किया गया था। मानव मंदिर में भी करीब 50 मरीजों के लिए बेड की सुविधा है। योग-प्राणायाम की मदद से यहां फिजियोथेरेपी के साथ-साथ इलेक्ट्रोथेरेपी और हाइड्रोथेरेपी से भी इलाज किया जाता है।
क्या होती है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डिजीज

मेयो क्लिनिक के अनुसार, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों में होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है। जिसके लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। यह बीमारी 30 जेनेटिक बीमारियो का एक समूह होता है, जो मांसपेशियों को कमजोर करता है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में, असामान्य जीन स्वस्थ मांसपेशियों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन के उत्पादन में हस्तक्षेप करते हैं। इस बीमारी का सबसे सबसे आम किस्म के लक्षण बचपन में ही शुरू होने लगते हैं। यह ज्यादातर लड़कों को प्रभावित करता है।
किन्हें होता है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डिजीज का खतरा

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक जेनेटिक बीमारी होती है। ऐसे में इस बीमारी का जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है जिनके माता-पिता इस बीमारी से ग्रसित हों। इसके अलावा म्यूटेटेड जीन्स वाले लोगों में भी इसका खतरा होता है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण

- मांसपेशियों में कमजोरी
- पिंडली की बढ़ी हुई मांसपेशियां
- चलने या दौड़ने में कठिनाई
- एड़ी उठाकर चलना
- निगलने में परेशानी।
- हृदय की समस्याएं जैसे हार्ट फेल (कार्डियोमायोपैथी)।
- सीखने में कठिनाई
- कठोर या ढीले जोड़
- मांसपेशियों में दर्द
- घुमावदार रीढ़ (स्कोलियोसिस)
- साँस लेने में तकलीफ
क्यों होती है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डिजीज

जेनेटिक म्यूटेशन या इसमें बदलाव मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के अधिकांश टाइप का कारण बनता है। यह जीन्स माता-पिता किसी एक से भी बच्चों में पहुंच सकते हैं जो इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा शायद ही कोई व्यक्ति इस कंडीशन से किसी दूसरे कारण से ग्रसित होता है।
क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी इलाज

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक लाइलाज बीमारी है। लेकिन दवा और उपचार से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसमें फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, जैसे उपचार के विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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