महिलाओं में इन कैंसर से ज्यादा खतरनाक हुआ लंग कैंसर, कम उम्र में ही बना रहा शिकार

फेफड़ों के कैंसर की मृत्यु दर बहुत ज्यादा
मेदांता अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर की मृत्यु दर बहुत ज्यादा है। ट्रीटमेंट एडवांस होने के बाद भी मृत्यु दर में मामूली कमी आई है। ग्लोबोकैन 2020 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे बड़ी वजह लंग कैंसर ही है।
कम उम्र में बढ़ा खतरा

मेदांता अस्पताल ने मार्च 2012 से नवंबर 2022 तक आए लंग कैंसर के 304 मामलों पर अध्ययन किया। जिसमें पता चला कि फेफड़ों का कैंसर कम उम्र और धूम्रपान ना करने वाले लोगों में तेजी से बढ़ रहा है। इस स्टडी में लगभग 2.6 प्रतशित मरीजों की उम्र 20 वर्ष के आसपास थी। वहीं, 10 प्रतिशत 40 साल से कम और 20 प्रतिशत 50 साल से कम थे।
धूम्रपान नहीं है इकलौती वजह

पहले धूम्रपान करने वाले बुजुर्ग लोगों में लंग कैंसर का खतरा अधिक होता था। लेकिन अब यह कम उम्र के साथ धूम्रपान ना करने वालों को भी चपेट में ले रहा है। स्टडी में कुल पुरुष मरीजों की तुलना में 30 प्रतिशत महिलाएं मरीज पाई गई, जो कि धूम्रपान नहीं करती थी। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण ऐसा हो रहा है।
महिलाओं के इन कैंसर को दी मात

स्टडी में लंग कैंसर से ग्रसित होने वाली महिलाओं का आंकड़ा बढ़ा मिला है। ग्लोबोकैन 2020 रिपोर्ट के मुताबिक, लंग कैंसर महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे आम कैंसर बन गया है। 2012 में यह सातवें नंबर पर था। यह पेट के कैंसर, कॉर्पस यूटेरी कैंसर, थायरॉइड कैंसर, सर्विक्स कैंसर से आगे निकल आया है। इससे आगे दूसरे नंबर पर कोलोरेक्टम कैंसर और पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर ही है।
लंग कैंसर और टीबी

रिपोर्ट कहती है कि फेफड़ों के कैंसर के निदान में देरी की एक बड़ी वजह टीबी है। क्योंकि, इसके लक्षणों को शुरुआत में टीबी समझ लिया जाता है और सही इलाज उपलब्ध नहीं हो पाता। टीबी और लंग कैंसर के लक्षण शुरुआत में काफी हद तक एक-जैसे होते हैं।
चार तरीकों से हो सकती है रोकथाम

मेदांता अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक, फेफड़ों के कैंसर की रोकथाम बहुत जरूरी है। जिसके लिए चार तरीके मददगार साबित हो सकते हैं। इस कैंसर के मामलों को कंट्रोल करने के लिए तंबाकू का सेवन ना करना, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना, लंग कैंसर की एडवांस स्क्रीनिंग और सर्जरी के लिए पर्याप्त स्पेशलाईज्ड सेंटर का निर्माण शामिल है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
To join us on WhatsApp Click Here and Join our channel on Telegram Click Here!