EPFO की और से pf खाताधारको के लिए बड़ी खुशखबरी मिल रहे है यह 5 फायदे जल्दी से चेक करलो

SB News Digital Desk : नौकरीपेशा के लिए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का पैसा काफी जरूरी होता है. यह उनका रिटायरमेंट फंड है. बिल्कुल सेविंग्स बैंक अकाउंट की तरह इसमें पैसा जमा होता है, जो सीधे सैलरी से कटता है और इस पर ब्याज का भी फायदा है. अगर सभी सरकारी स्कीम या स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की बात करें तो आज सबसे ज्यादा ब्याज PF पर ही मिलता है. इसलिए भी यह सबसे आकर्षक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है. लेकिन, आपके EPF पर अलग से भी कई फायदे मिलते हैं, जिसकी जानकारी आपको होनी चाहिए.
प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट पर बिल्कुल फ्री इंश्योरेंस मिलता है. EDLI योजना के तहत PF अकाउंट पर 7 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है. यह योजना है Employees Deposit Linked Insurance (EDLI).
PF अकाउंट से पैसा निकालना काफी आसान है. कुछ परिस्थितियों में आसानी से तय सीमा तक रकम निकाल सकते हैं. मकान खरीदने, बनाने, मकान की रीपेमेंट, बीमारी, उच्च शिक्षा, शादीके लिए पैसे की जरूरत होती है, ऐसे वक्त में जमा राशि का 90 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं.
निष्क्रिय पड़े खातों पर भी ब्याज मिलता है. मतलब अगर आपका PF खाता 3 साल से ज्यादा वक्त तक निष्क्रिय है तो आपको ब्याज मिलता रहेगा. 2016 में EPFO ने अपने पुराने फैसले को बदल दिया था. इससे पहले निष्क्रिय रहने पर PF के पैसे पर ब्याज मिलना बंद हो जाता था. निष्क्रिय खातों पर ब्याज मिल रहा है, लेकिन इस अकाउंट में पड़े पैसों को एक्टिव या नए खाते में ट्रांसफर करना चाहिए या निकाल लेना चाहिए. मौजूदा नियमों के मुताबिक, 5 साल से ज्यादा समय तक खाता लगातार निष्क्रिय रहने पर पैसे निकालने पर टैक्स देना होगा.
नई नौकरी ज्वाइन करने पर EPF के पैसे को क्लेम करने के लिए अलग से फॉर्म-13 भरने की अब जरूरत नहीं रह गई है. EPFO ने एक नया फॉर्म 11 पेश किया है, जो फॉर्म 13 की जगह पर यूज होता है. यह ऑटो ट्रांसफर के सभी मामलों में इस्तेमाल होता है.
आधार से लिंक UAN नंबर में आपके सभी PF खातों एक साथ लिंक होते हैं. नौकरी बदलने पर पीएफ का पैसा ट्रांसफर करना अब पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है.
ट्रस्ट ने EPFO योजनाओं के तहत कवरेज के लिए कर्मचारी संख्या सीमा को मौजूदा 20 से घटाकर 10 करने का भी फैसला किया है. इससे EPFO अंशधारकों की संख्या 9 करोड़ तक हो जाएगी. EPF एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है. वहीं, कंपनी भी कर्मचारी की सैलरी प्लस डीए का 12 फीसदी कंट्रीब्यूट करती है. कंपनी के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 3.67 फीसदी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जाता और बाकी 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है.
आपको शायद पता नहीं हो, सरकार के पास इस समय लगभग 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा अनक्लेम्ड पीएफ मनी हैं. पहले केंद्र सरकार द्वारा इस रकम का उपयोग सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की फंडिंग के लिए करने करने की चर्चा थी, लेकिन विरोध होने पर अब ब्याज के साथ यह रकम उन लोगों को लौटाई जाएगी, जो इसके असली हकदार हैं. ऐसे में अगर आपकी भी कोई पुरानी रकम EPFO के पास अनक्लेम्ड पड़ी हो तो अब आपको ब्याज के साथ यह रकम मिलेगी, लेकिन इसके लिए आपको भी थोड़ा चुस्त होना पड़ेगा.
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