Chanda Kochhar Arrest: कौन हैं चंदा कोचर जिन पर 3000 करोड़ के गबन का है आरोप, जानिए पद्म भूषण से जेल तक का सफर

आईसीआईसीआई की पूर्व एमडी चंदा कोचर is समय हिरासत में हैं और उनके ऊपर बड़े घोटाले का आरोप है. दरअसल, एमडी रहते हुए 26 अगस्त 2009 को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी. लेकिन, यह फैसला बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी के अनुरूप नहीं था, जिसके चलते इसकी विस्तृत जांच हुई.
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इसके बाद साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ो रुपये के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की और इस मामले में CBI ने चंदा कोचर पर FIR दर्ज की थी. इसके बाद ED ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया और पूछताछ की.
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अब जानते हैं इस पूरे मामले को जिसने चंदा कोचर को पद्म भूषण से जेल तक पहुंचा दिया. दरअसल, वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर के साथ बिजनेस करते हैं. चंदा कोचर और उनके पति पर यह आरोप लगा था कि वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली कंपनी के ज़रिए लोन का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया था और लगभग 94.99 फ़ीसदी होल्डिंग वाले बड़े शेयर्स महज 9 लाख रुपये में स्थानांतरित कर दिए गए.
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उस समय बैंक की तरफ से इसे रफा-दफा करने की पूरी कोशिश की गई लेकिन अंत में आईसीआईसीआई बैंक ने स्वतंत्र जांच का फैसला लेते हुए 30 मई 2018 को बोर्ड व्हिसल ब्लोअर के आरोपों की ‘विस्तृत जांच’ का ऐलान कर दिया. जिसके बाद इस केस में नए खुलासे होते चले गए. जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच पूरी हुई और चंदा कोचर दोषी पाई गईं. इसके बाद ED ने इस केस में सख्ती दिखाते हुए साल 2020 में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनकी कंपनियों से संबंधित 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली.
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चंदा कोचर एक सशक्त और काबिल महिला हैं. उनकी जर्नी पर नजर डालें तो 1961 में राजस्थान के जोधपुर में जन्मीं चंदा कोचर ने अपनी ग्रेजुएशन मुंबई के जयहिंद कॉलेज से की और फिर इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से कॉस्ट अकाउंटेंसी की पढ़ाई की. चंदा कोचर ने साल 1984 में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में आईसीआईसीआई बैंक ज्वॉइन किया और 2009 में चंदा कोचर को सीईओ और एमडी (MD) बनाया गया. चंदा के एमडी रहते हुए बैंक ने अपार सफलता हासिल की और इसके बाद, उनकी काबिलियत को देखते हुए भारत सरकार ने चंदा कोचर को अपने तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से (2011 में) से सम्मानित किया.
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