राजस्थान

राजस्थान के इन जिलों में बनेंगे 8 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, सरकार ने लगाई आदेश पर मुहर

राजस्थान में निवासरत नागरिकों से जुड़ी अहम खबर सामने आई है। दरअसल, प्रदेश सरकार के पिछले साल के बजट में हुई घोषणाओं पर काम अब शुरू हो गया है। साथ ही, राजस्थान में अब 8 नए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवेज पर भी काम शुरू हो गया है।

SB News Webdesk, जयपुर: राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत पिछले साल बजट में घोषित 8 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे में शामिल जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेसवे (Jalore-Jhalawar Expressway) पर अब काम शुरू हो गया है। इस परियोजना की निगरानी उदयपुर का लोक निर्माण विभाग (PWD-NH) कर रहा है, जो अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेसवे के साथ-साथ इस प्रोजेक्ट को भी देख रहा है। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के दो दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के साथ-साथ राज्य के आर्थिक विकास को नई गति देगा।

डीपीआर की प्रक्रिया शुरू, 18 महीने की समयसीमा

लोक निर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार, जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report – DPR) तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए नियुक्त एजेंसी ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। एजेंसी को अगले 18 महीनों में डीपीआर सौंपनी होगी। यह समयसीमा राज्य के सभी 8 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए एकसमान रखी गई है।

इस साल के राज्य बजट में इन परियोजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि राजस्थान के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।

सात अन्य एक्सप्रेसवे पर भी तेजी से काम

जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेसवे के साथ-साथ राजस्थान के सात अन्य ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर भी काम तेजी से चल रहा है। ये परियोजनाएं हैं:

  • कोटपूतली-किशनगढ़ (Kotputli-Kishangarh): 181 किमी
  • जयपुर-भीलवाड़ा (Jaipur-Bhilwara): 193 किमी
  • बीकानेर-कोटपूतली (Bikaner-Kotputli): 295 किमी
  • ब्यावर-भरतपुर (Beawar-Bharatpur): 342 किमी
  • अजमेर-बांसवाड़ा (Ajmer-Banswara): 358 किमी
  • जयपुर-फलौदी (Jaipur-Phalodi): 345 किमी
  • श्रीगंगानगर-कोटपूतली (Srigananagar-Kotputli): 290 किमी

इन सभी परियोजनाओं के लिए डीपीआर का काम प्रगति पर है। यह दर्शाता है कि राजस्थान सरकार राज्य में सड़क बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए कटिबद्ध है।

जालोर के लिए क्यों खास है यह परियोजना?

जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना के तहत जामनगर-अमृतसर आर्थिक गलियारे (Jamnagar-Amritsar Economic Corridor) से जोड़ने की योजना है। जालोर अपने कृषि और खनन उद्योगों के लिए जाना जाता है। यहां जीरा का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। पास के जीवाणा में अनार की मंडी है, जहां हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसके अलावा, जालोर को ग्रेनाइट सिटी (Granite City Rajasthan) के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां का ग्रेनाइट उद्योग देश-विदेश में मशहूर है।

यह एक्सप्रेसवे जालोर के इन उद्योगों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी। इससे व्यापार बढ़ेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

402 किमी लंबा होगा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे 402 किलोमीटर लंबा होगा और जालोर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बेगू, बिजौलिया, रावतभाटा, मोडक और चेचट जैसे क्षेत्रों से होकर झालावाड़ तक पहुंचेगा। इसका एक छोर जालोर के पास अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे से और दूसरा छोर झालावाड़ के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) से जुड़ेगा।

प्रारंभिक सर्वे के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत 10,300 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के कई महत्वपूर्ण शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

प्रोजेक्ट की प्रक्रिया

लोक निर्माण विभाग के अनुसार, इस परियोजना को पूरा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाएगा:

  1. डीपीआर तैयार करना: विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में प्रोजेक्ट की तकनीकी और वित्तीय जानकारी शामिल होगी।
  2. प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट: डीपीआर के बाद प्रोजेक्ट की प्रारंभिक व्यवहार्यता का आकलन किया जाएगा।
  3. रूट तय करना: एक्सप्रेसवे का सटीक रास्ता और संरेखण (Alignment) तय किया जाएगा।
  4. वन क्षेत्र का मूल्यांकन: रास्ते में आने वाले वन क्षेत्रों का आकलन होगा और वैकल्पिक रास्तों पर विचार किया जाएगा।
  5. जमीन अधिग्रहण: तय रास्ते में आने वाली जमीन का अधिग्रहण शुरू होगा।

यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि प्रोजेक्ट समय पर और व्यवस्थित तरीके से पूरा हो।

सभी परियोजनाओं पर एकसाथ काम

राजस्थान सरकार ने कुल 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की घोषणा की थी, जिनमें से एक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधीन है। शेष 8 परियोजनाएं लोक निर्माण विभाग (PWD-NH) के अंतर्गत हैं। इन सभी के लिए डीपीआर का काम चल रहा है। जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेसवे इनमें से एक प्रमुख परियोजना है, जो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी?

उदयसिंह जारवाल, अधीक्षक अभियंता (Superintending Engineer), लोक निर्माण विभाग (NH), ने बताया, “जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की डीपीआर के लिए काम शुरू हो चुका है। एजेंसी को 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। यह परियोजना राजस्थान के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।”

Bhagirath Dhaka

Bhagirath राजस्थान के बाड़मेर से पत्रकार है. वे पिछले लम्बे समय से पत्रकारिता जगत में सक्रिय है. इनसे editor@sbnews.in ई मेल पते के जरिए संपर्क किया जा सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button