देश में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के साथ ही उन्हें खेती किसानी के लिए नया लोन मिल सके इसके लिए अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों के ऋण माफ किए जा रहे हैं। इस कड़ी में झारखंड सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है।
झारखंड सरकार ने राज्य में किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर दिए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 26 सितम्बर के दिन राजधानी रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित झारखंड कृषि ऋण माफी योजना कार्यक्रम में किसानों को यह सौगात दी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह ऋण माफी योजना कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह किसानों के सम्मान में महाजुटान कार्यक्रम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के 1,76,977 किसानों के दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर उन्हें बड़ी सौगात दी।
इन सभी किसानों के लगभग 400.66 करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी राज्य सरकार द्वारा की गई। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का भी अनावरण किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों के समक्ष तरह-तरह की चुनौतियां आ रही है। किसानों की गरीबी और पूंजी के अभाव में कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में किसानों को राहत देने के मकसद से उनके दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर उन्हें कृषि के क्षेत्र में नई शुरुआत करने का मौका मिल सके।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश में रहती है। यहां के किसान-मजदूर जीविकोपार्जन के लिए खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। ऐसे में उनका खेत उनका बैंक है तो खलिहान एटीएम। लेकिन, आज किसानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
वे विपरीत परिस्थितियों के बीच कृषि कार्य कर रहे हैं। कई बार मौसम की मार की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिसका खामियाजा उन्हें लंबे समय तक भुगतना पड़ता है। हमारी सरकार किसानों को इन विपरीत परिस्थितियों से निकालने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में कृषि कार्य के लिए जिन किसानों ने दो लाख रुपये तक का लोन लिया है, उसे माफ करने का हमारी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया, ताकि किसानों को आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान कर सकें।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का जो भौगोलिक परिवेश है, वह काफी अनूठा है। यहां की मिट्टी में हर तरह की फसल उपजाई जा सकती है। लेकिन, इसके लिए बेहतर नीति बनाने की जरूरत है। किसानों को विभिन्न तरीकों के फसलों के उत्पादन को लेकर प्रशिक्षण देने की पहल होनी चाहिए। अगर उस दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो निश्चित तौर पर इसके सुखद परिणाम हमको देखने को मिलेंगे।
डेयरी उद्योग के फायदे
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृषि विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीक तथा एनडीडीबी, आनंद , गुजरात के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस. रघुपति के बीच 5 वर्षों के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ। इसके तहत लगभग 68 हज़ार दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को दूध उत्पादन के उचित मूल्य के अलावा 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
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