SBI बैंक में अब 10 साल के बच्चो का भी खुल सकता है अकाउंट मिनिमम बैंलेस की नो टैंशन साथ मिलेंगे जबरदस्त फायदे
एसबीआई बैंक में अब केवल 18 वर्ष से ऊपर ही नहीं बल्कि नाबालिग बच्चों का अकांउट खोला जा सकता है। और इसी के साथ एक सुविधा यह भी मिल रही है कि इसमें मिनिमम बैलेंस का भी कोई चक्कर नहीं पडता हैं

SB News Digital Desk: अगर आप नाबालिग हैं तो आप भी अपना सेविंग अकाउंट (Saving Account) बैंक में खोल सकते हैं। देश का सबसे बड़ा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी नाबालिगों के लिए सेविंग अकाउंट (SBI Saving Account For Minor) ओपन करने की सुविधा देता है। बैंक PehlaKadam और PehliUdaan कैटेगरी में अकाउंट ओपनिंग की सुविधा देता है।
इस बैंक में ऐसे अकाउंट ओपन होने के कई बेनिफिट्स हैं। ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, एसबीआई नाबालिग के बैंक अकाउंट ओपन होने से न केवल बच्चों को पैसे बचाने के महत्व को सीखने में मदद करता है, बल्कि वह उन्हें पैसे की 'क्रय शक्ति' के साथ प्रयोग करने की भी परमिशन देता है।
एसबीआई (SBI) के नाबालिग कैटेगरी वाले सेविंग अकाउंट (sbi Saving Account For Minor) में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने का कोई झंझट ही नहीं है। ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इस तरह के अकाउंट में नाबालिग कस्टमर 10 लाख रुपये तक मैक्सिमम बैलेंस रख सकता है। इसमें चेक बुक भी मिलता है। इसमें विशेष रूप से डिजाइन की गई इंडिविजुअल चेकबुक (10 चेक पन्नों के साथ) अभिभावक के अधीन नाबालिग के नाम पर अभिभावक को जारी की जाती है। लेकिन अगर नाबालिग समान रूप से हस्ताक्षर कर सकता है तो विशेष रूप से डिज़ाइन की गई चेकबुक मिलती है।
नाबालिग सेविंग अकाउंट में डेबिट कार्ड भी जारी किया जाता है। इसमें नाबालिग की फोटो भी छपी होती है। इस कार्ड से 5000 रुपये तक की निकासी कर सकते हैं। इसी तरह, मोबाइल बैंकिंग की भी सुविधा मिलती है जिसके तहत 2000 रुपये तक के बिल पेमेंट, टॉप अप या IMPS प्रतिदिन किए जा सकते हैं। PehlaKadam कैटेगरी के बैंक अकाउंट पैरेट्स या अभिभावक के साथ ज्वाइ्ंट तौर पर खोले जाते हैं, जबकि PehliUdaan कैटेगरी के तहत 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग जो हस्ताक्षर कर सकता है, अपने नाम से अकाउंट ओपन कर सकता है।
SBI की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अकाउंट खोलने के लिए नाबालिग का बर्थ सर्टिफिकेट और पैरेंट्स का केवाईसी की जरूरत होगी। बचत बैंक खाते (sbi Saving Account For Minor) पर लागू ब्याज दर की तरह कैलकुलेशन हर रोज बैलैंस पर की जाती है। आप चाहें तो खाता संख्या बदले बिना किसी भी एसबीआई (SBI) शाखा में खातों का ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही नॉमिनी सुविधा भी उपलब्ध है। विशेष रूप से डिज़ाइन की गई ब्रांडेड पासबुक निःशुल्क जारी की जाती है।