Mustard Oil Rates: आसमान से धरती पर आ गिरे खाने के तेल के रेट, तुरंत जाने ताजा भाव

Mustard Oil Rates: आसमान से धरती पर आ गिरे खाने के तेल के रेट, तुरंत जाने ताजा भाव, जैसे की हम सभी जानते हैं कि तेल एक ऐसा खाद्यपदार्थ हैं, जिसका उपयोग मुख्य रूप से रसोई घर में किसी प्रकार की सब्जी, दाल और अन्य बहुत सारे खाने पकाने में सरसों तेल का उपयोग किया जाता हैं। काफी समय से पूरे देश में सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी ही देखने को मिल रही हैं।
जिसके कारण बहुत सारे देश वासियों सरसों तेल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन बजट पेश होने के बाद सरसों तेल की कीमत में भारी कमी देखने को मिल रही हैं, बजट जारी होने के बाद कितने रुपये सस्ता हुआ है सरसों तेल इसकी पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक जानने के लिए हमारे द्वारा लिखी गई इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
आपको जानकारी के लिए बतातें चले कि बजट जारी होने के बाद खाने के तेल में एक बार फिर से गिरावट देखने को सभी देश वासियों को मिल रही हैं। दरअसल आपको बता दें कि सूरजमुखी तेल के रिकॉर्ड आयात के कारण दिल्ली तेल तिलहन बाजार में गुरुवार को सभी देशी तेल तिलहनों में जोरदार गिरावट देखने को मिली है। जिसके कारण हमारे सभी देश वासियों बहुत ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं।
साथ ही साथ आपको बतातें चलें कि खाद्य तेल कीमतों की इस गिरावट के कारण आगामी सरसों का बाजार में खपना मुश्किल हो चला है, जनवरी के महीने में शुल्कमुक्त आयात की कोटा व्यवस्था के तहत सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक लगभग 4,72,000 टन का आयात किया गया है जबकि देश में इसकी मासिक औसत खपत डेढ़ पौने दो लाख टन के बीच होती है, यानी जरूरत से कहीं 200 प्रतिशत अधिक मात्रा में सूरजमुखी तेल का आयात हुआ है।
इस तेल की आयात में हुई वृद्धि
जैसे सूर्य मुखी के डिलेवरी में बढ़ोतरी हुई है ठीक उसी प्रकार जनवरी में सोयाबीन तेल का आयात बढ़कर लगभग चार लाख टन हो गया है, इस सस्ते आयात के रहते कौन ऊंचे दाम वाले सरसों को खरीदेगा, बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि तेल तिलहन मामले में हम आत्मनिर्भरता के बजाय आयात पर पूरी तरह निर्भर होते जा रहे हैं।
खुदरा बिक्री करने वाली तेल कंपनियां बढ़ाचढ़ा कर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) छाप उपभोक्ताओं को तेल कीमतों की गिरावट के लाभ से वंचित किये हुए है, सरकार को तेल उत्पादक कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के बारे में सरकारी पोर्टल पर नियमित आधार पर जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य कर देना चाहिये तो समस्या खुद ब खुद सुलझने लगेगी।
देशी तेल तिलहनों के नहीं खपने के खतरे को देखते हुए तेल खल और डी आयल्ड केक (डीओसी) की कमी का सामना करना पड़ सकता है जिनका उपयोग मवेशी आहार और मुर्गीदाने के लिए होता है. खाद्य तेल कीमतों की गिरावट ऐसी है कि काफी समय से सूरजमुखी बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिक रहा है और अब यह खतरा सरसों के लिए भी हो सकता है.
जानिए बाजार में क्या है भाव
अभी बाजार में कितने रुपये सरसों तेल बिक रही हैं इसकी जानकारी निम्नलिखित हैं।
1. सरसों तिलहन 6,040 6,090रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
2. मूंगफली 6,450 6,510 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
3. मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) 15,425 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
4. मूंगफली रिफाइंड तेल 2,420 2,685 रुपये प्रति टिन के हिसाब से बिक रही हैं।
5. सरसों तेल दादरी 12,550 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
6. सरसों पक्की घानी 2,010 2,040 रुपये प्रति टिन के हिसाब से बिक रही हैं।
7. सरसों कच्ची घानी 1,970 2,095 रुपये प्रति टिन के हिसाब से बिक रही हैं।
8. तिल तेल मिल डिलिवरी 18,900 21,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
9. सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली 12,450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
10. सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर 12,250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
11. सोयाबीन तेल डीगम, कांडला 10,600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
12. सीपीओ एक्स कांडला 8,250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
13. बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) 10,800 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
14. पामोलिन आरबीडी, दिल्ली 9,900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
15. पामोलिन एक्स कांडला 9,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
16. सोयाबीन दाना 5,420 5,500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
17. सोयाबीन लूज 5,160 5,180 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
18. मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही हैं।
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