Jeera Mandi Bhav: 2023 के रिकॉर्ड को इस बार तोड़ेगा जीरा, 30 हजार के पार पहुंचे जीरा के भाव
Jeera Mandi Bhav: जीरा के भावों में बढ़त लगातार बरकार है। आज राजस्थान व गुजरात की मंडियों में जीरा के औसतन भाव 24,350 से 24,500 के बीच में रहे। आइए जानते है जीरा मंडी भाव को विस्तार से।

Jeera Mandi Bhav: भारतीय रसोई का खास मसाला जीरा (Cumin) इन दिनों चर्चा में है। इसके दामों में हो रहे बदलाव ने किसानों, व्यापारियों और आम लोगों का ध्यान खींचा है। आज 12 अप्रैल 2025 को देश की बड़ी मंडियों में जीरे का औसत भाव 24,500 रुपये प्रति क्विंटल के करीब है।
गुजरात की ऊंझा मंडी (Unjha Mandi), जो जीरे का सबसे बड़ा बाजार है, वहां भाव 24,350 रुपये प्रति क्विंटल रहा। राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में यह 24,000 से 25,000 रुपये के बीच देखा गया। आइए जानते हैं कि जीरे के दाम क्यों बदल रहे हैं और इसका भविष्य क्या हो सकता है।
दामों में बदलाव की वजह
जीरे की कीमतों में उछाल के पीछे कई कारण हैं। इस साल गुजरात और राजस्थान, जहां जीरा सबसे ज्यादा उगता है, वहां बारिश और ठंड ने फसल को प्रभावित किया। कुछ जगहों पर कम बुवाई (Sowing) हुई, तो कहीं फसल खराब होने की खबर आई। साथ ही विदेशों में भारतीय जीरे की मांग (Export Demand) बढ़ी है। खाड़ी देश (Gulf Countries), अमेरिका और यूरोप में जीरे की खपत बढ़ने से भारत में स्टॉक कम हुआ है।
गुजरात के व्यापारी रमेशभाई पटेल ने कहा, “पिछले साल जीरा 60,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था, क्योंकि फसल बहुत कम थी। इस साल फसल ठीक है, लेकिन निर्यात और मौसम की वजह से दाम स्थिर नहीं हैं।” विशेषज्ञों का कहना है कि नई फसल की आवक (Arrival) बढ़ने पर कीमतें थोड़ी कम हो सकती हैं।
पिछले कुछ दिनों के भाव (रुपये प्रति क्विंटल)
तारीख | ऊंझा मंडी (Unjha Mandi) | राजस्थान मंडियां (औसत) | मध्य प्रदेश मंडियां (औसत) |
---|---|---|---|
6 अप्रैल 2025 | 24,350 | 24,200 | 24,100 |
8 अप्रैल 2025 | 24,500 | 24,300 | 24,200 |
10 अप्रैल 2025 | 24,400 | 24,250 | 24,150 |
12 अप्रैल 2025 | 24,350 | 24,500 | 24,300 |
13 अप्रैल 2025 | 24,300 | 24,600 | 24,280 |
जीरे का बाजार
भारत दुनिया में जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। गुजरात का ऊंझा (Unjha Mandi Bhav) और राजस्थान का जोधपुर (Jodhpur Mandi Bhav) व नागौर (Nagaur Mandi Bhav) इसके बड़े केंद्र हैं। ऊंझा मंडी में हर साल लाखों क्विंटल जीरे का कारोबार होता है। इस साल भारत में जीरे का उत्पादन (Production) करीब 4.5 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 4 लाख टन से ज्यादा है। फिर भी, विदेशी मांग और घरेलू खपत की वजह से दाम ऊंचे हैं।
किसानों की स्थिति
जीरे की खेती करने वाले किसानों के लिए यह समय अच्छा भी है और मुश्किल भी। गुजरात के किसान दिनेशभाई ने बताया, “पिछले साल ज्यादा दाम मिले, तो मुनाफा अच्छा हुआ। इस साल भी भाव ठीक हैं, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव डराता है।” विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि अगर किसान फसल स्टोर कर सकते हैं, तो कुछ हफ्ते रुककर बेचें, शायद बेहतर दाम मिलें।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा ने कहा, “जीरे की खेती में खर्चा ज्यादा है, क्योंकि इसे पानी और देखभाल चाहिए। लेकिन सही समय पर बिक्री और अच्छी फसल से किसान फायदा कमा सकते हैं।”
आम लोगों पर असर
जीरे के दाम बढ़ने से रसोई का खर्च बढ़ गया है। दिल्ली की शालिनी गुप्ता ने कहा, “पहले जीरा 300-400 रुपये किलो मिलता था, अब 600 रुपये से ज्यादा हो गया। इससे खर्च बढ़ा है।” बाजार में पैकेट वाला जीरा भी महंगा हुआ है। व्यापारी कहते हैं कि नई फसल आने पर दाम थोड़े कम हो सकते हैं, लेकिन निर्यात बढ़ा तो कीमतें ऊंची रहेंगी। जीरा के ताजा मंडी भाव की जानकारी आप यहाँ क्लिक करके ले सकते है।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में जीरे का भाव 24,000 से 26,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहेगा। अगर विदेशी मांग बढ़ी या मौसम ने फसल को नुकसान पहुंचाया, तो दाम 30,000 तक जा सकते हैं। अगर फसल अच्छी आई, तो 22,000 तक भी आ सकते हैं।
कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) के एक अधिकारी ने बताया, “हम जीरे की खेती बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। नए बीज और तकनीक से किसान बेहतर फसल उगा सकते हैं।”
जीरे के बारे में खास बातें
- उत्पादन: भारत में हर साल 4-5 लाख टन जीरा उगता है।
- निर्यात: भारत दुनिया का 70% जीरा निर्यात करता है।
- राज्य: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश बड़े उत्पादक हैं।
- उपयोग: मसाले, दवाइयों और आयुर्वेद में जीरे का इस्तेमाल होता है।
जीरा के भाव में लगातार देखा जा रहा उतार-चढ़ाव इस बार 2023 के अपने रिकॉर्ड भावों से भी आगे निकल सकता है। अप्रैल महीने में जीरा के ये भाव किसानों की उम्मीद से परे है।