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Jeera Ka Bhav: मंडियों में आवक घटने से बढ़ें जीरा के भाव, 25 हजार से पार हुए रेट

SB News Webdesk, Jeera Ka Bhav: राजस्थान की कृषि उपज मंडियों में इस बार जीरे की फसल की आवक में गिरावट के चलते भावों में उछाल देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, जीरे की आवक में इस बार पिछले वर्ष से 30 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है जिसके चलते जीरे के भावों में उछाल आया है।

21 अप्रैल 2025 को नागौर मंडी में जीरा के ताजा भाव 18,500 रुपये से 24,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही मूंग, ग्वार, सौंफ, और अन्य फसलों के भाव भी बाजार में हलचल मचा रहे हैं। इस खबर में हम नागौर मंडी के जीरा के ताजा भाव के साथ-साथ अन्य जींसों के भावों की जानकारी देंगे।

नागौर मंडी में जीरा के ताजा भाव

नागौर कृषि उपज मंडी में 21 अप्रैल 2025 को जीरा के भाव 18,500 रुपये से 24,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे। मंडी में जीरे की औसत कीमत लगभग 20,000 रुपये प्रति क्विंटल रही, जो फसल की गुणवत्ता और मांग पर निर्भर करती है। उच्च गुणवत्ता वाले जीरे को अधिक कीमत मिल रही है, जबकि सामान्य गुणवत्ता वाला जीरा 18,500 रुपये के आसपास बिका।

जीरे के साथ-साथ नागौर मंडी में अन्य फसलों के भाव भी किसानों और व्यापारियों का ध्यान खींच रहे हैं। मूंग का भाव 6,800 रुपये से 8,100 रुपये, ग्वार 4,500 रुपये से 5,000 रुपये, और सौंफ 8,000 रुपये से 15,500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा। नीचे दी गई तालिका में नागौर मंडी के ताजा भावों की पूरी जानकारी दी गई है:

फसलन्यूनतम भाव (रु/क्विंटल)अधिकतम भाव (रु/क्विंटल)
जीरा18,50024,200
मूंग6,8008,100
ग्वार4,5005,000
सौंफ8,00015,500
ईसबगोल9,50013,300
तिल9,00010,000
ज्वार3,0003,700
सरसों5,1005,750
तारामीरा4,6005,425
चना4,5005,400
मेथी4,5005,000
सुवा7,0007,800
असालिया6,0006,800
मोठ4,2004,700
जौ1,8002,000

जीरा के भाव में उछाल के कारण

नागौर मंडी में जीरा के भाव में हाल के महीनों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। इस साल कीमतों में वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें कम उत्पादन, वैश्विक मांग, और मौसम की अनिश्चितता शामिल हैं। आइए, इन कारणों को विस्तार से समझते हैं:

1. कम उत्पादन और बुवाई क्षेत्र में कमी

राजस्थान और गुजरात जीरे के उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं। इस साल राजस्थान में जीरे की बुवाई क्षेत्र में लगभग 20-25% की कमी दर्ज की गई। नागौर और आसपास के क्षेत्रों में किसानों ने मूंग, सरसों, और चना जैसी अन्य रबी फसलों को प्राथमिकता दी, क्योंकि इन फसलों में कम लागत और अधिक मुनाफे की संभावना थी। इसके परिणामस्वरूप जीरे की पैदावार घटी, और मंडी में आवक कम होने से कीमतें बढ़ीं।

2. वैश्विक मांग में वृद्धि

भारतीय जीरा अपनी गुणवत्ता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। नागौर मंडी से निर्यात होने वाला जीरा मध्य-पूर्व, अफ्रीका, और यूरोप जैसे क्षेत्रों में भारी मांग में है। इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे की मांग में 15-20% की वृद्धि हुई है, जिसके कारण मंडी में कीमतें बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर यह मांग बनी रही, तो जीरे के भाव 28,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं।

3. मौसम का प्रभाव

जीरे की फसल मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील होती है। इस साल राजस्थान में अनियमित बारिश और ठंड के कारण फसल को नुकसान हुआ। नागौर और आसपास के क्षेत्रों में कुछ किसानों ने बताया कि बारिश के कारण जीरे की गुणवत्ता प्रभावित हुई, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले जीरे की आपूर्ति कम हुई। यह भी कीमतों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण रहा।

4. मंडी में कम आवक

नागौर मंडी में इस साल जीरे की आवक पिछले साल की तुलना में 30% कम रही। मंडी के व्यापारियों के अनुसार, किसान अपनी फसल को ऊंचे दामों की उम्मीद में रोककर रख रहे हैं। इससे मंडी में जीरे की उपलब्धता कम हुई, और कीमतें बढ़ीं।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में जीरे के भाव में और वृद्धि हो सकती है। वैश्विक मांग, कम आपूर्ति, और निर्यात में बढ़ोतरी के कारण कीमतें 25,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती हैं। हालांकि, यह अनुमान बाजार की स्थिति, मौसम, और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा।

कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुरेश शर्मा ने सुझाव दिया, “किसानों को अपनी फसल की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। उच्च गुणवत्ता वाला जीरा हमेशा अधिक कीमत पर बिकता है। साथ ही, मंडी के ताजा भावों पर नजर रखकर सही समय पर फसल बेचने से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।”

Bhagirath Dhaka

Bhagirath राजस्थान के बाड़मेर से पत्रकार है. वे पिछले लम्बे समय से पत्रकारिता जगत में सक्रिय है. इनसे editor@sbnews.in ई मेल पते के जरिए संपर्क किया जा सकता है.

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