शराब ओर सोने के साथ मिल 1 हजार करोड़ रुपए इनकम टैक्स ने मारी रेड
इनकम टैक्स के भी अधिकारी सक्रिय हैं और बड़े पैमाने पर नकदी, शराब की बोतलें, सोने के सिक्के, खैनी और गांजे की पुड़िया आदि बरामद कर रहे हैं।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

SB News Digital Desk: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है। इस चुनाव की सरगर्मी के बीच विभिन्न राजनीतिक दल के नेता या प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। उनसे बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें सोना का सिक्का से लेकर नकदी, शराब की बोतल (पव्वा) और खैनी या सुरती और गांजे की पुड़िया तक बांटी जा रही है।
हम ऐसा इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि ये सब चीजें सरकारी अधिकारी बरामद कर चुके हैं। सिर्फ इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के अधिकारियों ने ही इस चुनाव में करीब 1,000 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है। केंद्र सरकार या राज्य सरकार की दूसरी एजेंसियां भी सक्रिय हैं।
इनकम टैक्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पहले तो सिर्फ नकदी ही बरामद होती थी। इस बार तो अजीब-अजीब चीजें बरामद हो रही हैं। उन्होंने मिजोरम के एक विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए बताया कि वहां कई बोरी सरैसा खैनी बरामद की गई।
सरैसा खैनी का उत्पादन बिहार के समस्तीपुर इलाके में होता है। खैनी के कद्रदां के बीच इसकी काफी पूछ होती है। यह आम सुरती या तंबाकू से महंगा भी बिकता है। तभी तो इसे वोटरों के बीच बांटने के लिए बिहार से पूर्वोत्तर तक ले जाया गया था। तेलंगाना में गांजे की पुड़िया बरामद की गई हैं। मतलब कि वहां के लौग खैनी नहीं बल्कि गांजे के ज्यादा शौकीन हैं।
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान तो कुछ ज्यादा ही नकदी बरामद हो रही है। अभी तक पांचों राज्यों में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हो चकी है। वह बताते हैं कि चुनाव के वक्त कैश के साथ साथ सोने का सिक्का, शराब की बोतलों आदि का भी उपयोग मतदाताओं को लुभाने में हो रहा है। राजस्थान का जिक्र करते हुए बताया कि एक स्थान पर कई किलो सोने के सिक्के पकड़े गए। इन सिक्कों का वजन एक ग्राम ही था। एक ग्राम सोना का भी बाजार मूल्य करीब छह हजार रुपये है। जाहिर है कि जिस भी परिवार में एक सिक्का पहुंच गया, उनका वोट मिलना तो तय है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में इंडिया मेड फॉरेन लिकर (IMFL) की छोटी बोतलें खूब पकड़ी गई हैं। आम लोग शराब की इस पैकिंग को पव्वा कहते हैं। दरअसल, जिन इलाकों में ये बोतले पकड़ी गई हैं, उन इलाकों में लोग देशी शराब का ज्यादा सेवन करते हैं। जो लोग देशी शराब का सेवन करते हैं, उन्हें अंग्रेजी शराब की एक बोतल मिल जाए तो फिर क्या कहना। यही सोच कर सियासत करने वाली भी उसी हिसाब से तैयारी कर रहे हैं।
इस समय छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इन राज्यों में बीते नौ अक्टूबर से ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू है। तभी से इनकम टैक्स विभाग के लोग भी सक्रिय हैं।