RBI Update: पर्सनल लोन लेना हुआ बेहद महंगा, आरबीआई ने जारी किया नया अपडेट

SB News Digital Desk : RBI Update पर्सनल लोन लेना हुआ बेहद महंगा, आरबीआई ने जारी किया नया अपडेट, आज के जमाने मे हर व्यक्ति के पैसे की जरूरत हर दिन बढ़ती जा रही है ओर उस के लिए लोन लेना हर किसी के लियते आम बात हो गई लेकिन उस के लिए आप को इस कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा..
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ समय पहले अनसेक्योर्ड पर्सनल लोन को लेकर चिंता व्यक्त की थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अब बैंकों के कंज्यूमर क्रेडिट पर रिस्क वेट को बढ़ा दिया है। पहले यह आंकड़ा 100 प्रतिशत था, लेकिन यह एक चौथाई बढ़ाकर अब 125 प्रतिशत है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने व्यक्तिगत लोन पर लगातार कड़े नियम लगाए हैं। अब सवाल उठता है कि बैंक आखिर क्यों नहीं चाहता कि लोग जल्दी पर्सनल लोन प्राप्त करें?
जब लोग बहुत सारा लोन लेंगे, तो वे बहुत कुछ खरीदेंगे, जिससे पैसा तेजी से इकनॉमी में चला जाएगा और जीडीपी बढ़ेगा। फिर व्यक्तिगत लोन लेने वालों को रिजर्व बैंक खुद क्यों रोक रहा है?
वास्तव में, अनसेक्योर्ड पर्सनल लोन में भारी तेजी देखने को मिल रही है, और यह स्थिति चिंताजनक है। यही कारण है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों और एनबीएफसी को पर्सनल लोन दिए जाने के बारे में सूचना दी थी
। ऐसे में व्यक्तिगत लोन देते समय सावधान रहने की सलाह दी गई। केंद्रीय बैंक पहले से ही बैंकों से इस बारे में चर्चा कर रहा था। 25 अगस्त को भी शक्तिकांत दास ने बैंकों और एनबीएफसी के साथ एक बैठक में चिंता व्यक्त की।
जब बात रिटेल पर्सनल लोन की है, तो इसकी बैंकिंग सिस्टम में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी है। रिजर्व बैंक ने जून में जारी की गई अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में बताया कि मार्च 2021 से मार्च 2023 तक रिटेल लोन प्रति वर्ष लगभग 24.8 फीसदी बढ़ा।
पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन छोटी लेंडिंग श्रेणियों में तेजी से दिखाई देते हैं। मार्च 2021–2021 का डेटा बताता है कि अनसेक्योर्ड रिटेल लोन 22.9% से 25.2% तक पहुंच गया। साथ ही, सेक्योर्ड लोन भी 74.8 प्रतिशत से 77.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। जुलाई के अंत तक, बैंकों का अनसेक्योर्ड लोन पोर्टफोलियो लगभग 12 लाख करोड़ रुपये था।
अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन रिकवर करना बहुत मुश्किल होता है। इसका कारण यह है कि बैंक को इन लोन को लेते समय न तो कुछ गिरवी रखा जाता है और न ही उनकी रिकवरी के लिए कोई उपाय उपलब्ध है। जैसे, अगर आप एफडी, म्यूचुअल फंड, सोना, जमीन-जायदाद आदि पर लोन लेते हैं, तो इन चीजों से पैसे की भरपाई की जाती है अगर आप लोन नहीं चुकाते हैं।
यदि आप होम लोन या कार लोन नहीं चुकाते हैं, तो आप अपनी संपत्ति को बेचकर पैसे पा सकते हैं। वहीं पर्सनल लोन लोग घरेलू सामान, मोबाइल फोन, गैजेट और यहां तक कि यात्रा करने के लिए लेते हैं।
ऐसे में, डिफॉल्ट होने पर लोन नहीं मिल सकता। इससे बैंकों का नुकसान होगा, जो भारतीय रिजर्व बैंक और देश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डाल सकता है। यही कारण है कि रिजर्व बैंक इंस्टेंट लोन को लेकर बार-बार निर्देश जारी किए जाते हैं।
अगर लोन बढ़ा है, यानी लोगों की पर्चेजिंग शक्ति बढ़ी है बैंकों से दिए गए लोन से लोग कुछ खरीद रहे हैं। जब पैसा देश की जीडीपी में बढ़ता है, तो डिमांड भी बढ़ती है।
सप्लाई सीमित होने से वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगती हैं। यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट को बार-बार बढ़ाता है। अब रिजर्व बैंक थोड़ा चिंतित है क्योंकि महंगाई बढ़ने की आशंका बनी रहेगी अगर लोन में भारी बढ़ोतरी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि अनसेक्योर्ड लोन तेजी से बढ़ रहे हैं। छोटे व्यक्तिगत लोन, क्रेडिट कार्ड लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन इस श्रेणी में आते हैं।
विभिन्न कंपनियों के लुभावने ऑफर इसमें बढ़ोतरी की बड़ी वजह हैं। यदि मौजूदा फेस्टिव सीजन की सेल की बात करें तो कई कंपनियां नो कॉस्ट ईएमआई देती हैं। बहुत से बैंकों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर ईएमआई उपलब्ध है। बहुत सी ई-कॉर्मस वेबसाइटों ने अपने ग्राहकों को कुछ क्रेडिट लाइन भी दी हैं।
इसके अलावा, अनसेक्योर्ड लोन बढ़ा रहे हैं। वहीं, कई बैंक हर दिन लोगों को प्री-अप्रूव्ड छोटे-छोटे लोन देने के लिए फोन करते हैं। ईएमआई में हर महीने एक छोटा सा पैसा मिलता है, इसलिए लोग कई सामान ईएमआई पर खरीद लेते हैं। वह अपनी पर्चेजिंग क्षमता से अधिक खरीदते हैं, जिससे अनसेक्योर्ड लोन बढ़ता दिखता है।