OPS : कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर RBI ने कही बड़ी बात पेंशन मे होगी बढ़ोतरी

 
पेंशन

SB News Digital Desk नई दिल्ली : देशभर में पुरानी पेंशन योजना (OPS News) को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension) को लेकर जरूरी खबर सामने आ रही है. देश के विभिन्न राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करना प्रतिगामी या पीछे की ओर ले जाने वाला कदम है. इससे मध्यम से दीर्घावधि में राज्यों की वित्तीय स्थिति ‘अस्थिर’ हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के अधिकारियों ने एक लेख में यह कहा है.

रचित सोलंकी, सोमनाथ शर्मा, आर के सिन्हा, एस आर बेहरा और अत्री मुखर्जी के लेख में कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) के मामले में कुल वित्तीय बोझ नई पेंशन योजना (NPS) का 4.5 गुना तक हो सकता है.

 

नई पेंशन योजना को एक दशक से भी पहले पेंशन सुधारों के हिस्से के रूप में लागू किया गया था. शोध पत्र में व्यक्त विचार आरबीआई के नहीं हैं.

 


 

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लेख में कहा गया है कि हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने एनपीएस से ओपीएस की ओर स्थानांतरित होने की घोषणा की है.


खबर में कहा गया है कि ओपीएस में परिभाषित लाभ (डीबी) है जबकि एनपीएस में परिभाषित अंशदान (डीसी) है, जहां ओपीएस में अल्पकालिक आकर्षण है, वही मध्यम से दीर्घकालिक चुनौतियां भी हैं. राज्यों के पेंशन व्यय में अल्पकालिक कटौती ओपीएस को बहाल करने के निर्णयों को प्रेरित कर सकती है. यह कटौती लंबे समय में भविष्य में गैर-वित्तपोषित पेंशन देनदारियों में भारी वृद्धि से प्रभावित होगी.

लेख में चेतावनी दी गई है कि राज्यों का ओपीएस पर लौटना एक बड़ा कदम होगा और मध्यम से दीर्घावधि में उनके राजकोषीय दबाव को ‘अस्थिर स्तर’ तक बढ़ा सकता है.

 


 

इसमें कहा गया है कि ओपीएस (ops) में वापस जाने वाले राज्यों के लिए तात्कालिक लाभ यह है कि उन्हें वर्तमान कर्मचारियों के एनपीएस योगदान पर खर्च नहीं करना पड़ेगा, लेकिन भविष्य में गैर-वित्तपोषित ओपीएस के उनके वित्त पर ‘गंभीर दबाव’ डालने की आशंका है.

राज्यों के ओपीएस पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन व्यय में 2040 तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का सालाना सिर्फ 0.1 प्रतिशत बचाएंगे, लेकिन उसके बाद उन्हें वार्षिक जीडीपी के 0.5 प्रतिशत के बराबर पेंशन पर अधिक खर्च करना होगा.

 


 

इसमें कहा गया है कि पूर्व में डीबी योजनाओं वाली कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को अपने नागरिकों की बढ़ती जीवन प्रत्याशा के कारण बढ़ते सार्वजनिक व्यय का सामना करना पड़ा है, और बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य और बढ़ती राजकोषीय लागत ने दुनियाभर में कई अर्थव्यवस्थाओं को अपनी पेंशन योजनाओं की फिर से समीक्षा करने के लिए मजबूर किया है. लेख में कहा गया है कि राज्यों द्वारा ओपीएस में कोई भी वापसी राजकोषीय रूप से अस्थिर होगी. हालांकि, इससे उनके पेंशन व्यय में तत्काल गिरावट हो सकती है.
 
 

 

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