500 Rupee Note: आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 500 रूपए के नए नोट को लेकर एक अहम जानकारी साझा की है. रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, हाल-फिलहाल देश में चलन में मौजूदा करेंसी नोट की सबसे अधिक हिस्सेदारी 500 रूपए के नोट की है. रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 500 रुपये मूल्य के नोट की हिस्सेदारी 2024 तक बढ़कर 86.5 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 77 प्रतिशत थी.
इस नई रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि देश में 500 रूपए के नोट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. केंद्रीय बैंक की इस सालाना रिपोर्ट में उछाल की मुख्य वजह 2000 रूपए के नोटों को चलन से बाहर करना बताया जा रहा है. 2000 रुपये वैल्यू के नोट (2000 Rupee Note Value) की हिस्सेदारी एक साल पहले की समान अवधि के 10.8 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 0.2 प्रतिशत रह गई है.
500 रूपए की वैल्यू के नोट सबसे ज्यादा
केन्द्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, मात्रा के हिसाब से 500 रुपये (500 Rupee Note) के सबसे ज्यादा 5.16 लाख नोट मौजूद थे. वहीं 10 रुपये के नोट (10 Rupee Note) 2.49 लाख नोट चलन में थे. वित्त वर्ष 2023-24 में चलन में मौजूद बैंक नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 7.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह बढ़ोतरी क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत रही थी. कीमत के लिहाज से चलन में मौजूद बैंक नोटों की संख्या में बढ़ोतरी हाल के सालों में सबसे कम है.
नोटों की छपाई पर 5100 करोड़ खर्च
RBI की इस सालाना रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश की केन्द्रीय बैंक ने करेंसी नोटों (Currency Note Printing Cost) की छपाई पर 5101 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में नोटों की छपाई पर करीब 4682 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. RBI ने लोगों के बीच करेंसी के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वेक्षण भी किया. इसमें 22 हजार से ज्यादा लोगों ने संकेत दिए कि डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के तरीके पॉपुलर होने के बावजूद कैश अब भी ‘प्रचलित’ है.
बड़ी तादाद में पकडे नकली नोट
RBI की सालाना रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वापसी का नकली नोटों (Fake Currency Note) की पहचान पर भी असर पड़ा है. इस दौरान 2000 रुपये (2000 Rupee Currency Note) के 26000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए जबकि एक साल पहले 9806 नकली नोट चिह्नित किए गए थे. हालांकि 500 रुपये (500 Rupee Currency Note) के पकड़े गए नकली नोटों की संख्या एक साल पहले के 91110 से घटकर 85711 रह गई.
इस वजह से बंद करना पडा 2000 रूपए का नोट
केन्द्रीय बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबित, वित्तीय वर्ष 2016 में नोटबंदी (Demonetization) के बाद शुरू किए गए इस मूल्य वर्ग के लगभग 89 प्रतिशत नोट चार साल से अधिक समय से चलन में थे. इन्हें बदलने की सख्त जरूरत थी और इसके अलावा उन नोट का लेनदेन में आमतौर पर बड़ी तादाद में इस्तेमाल नहीं होता था.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की रिपोर्ट के अनुसार,नोटबंदी के बाद 2 हजार रुपये (2000 Rupees Note) के 97.96 फीसदी नोट ही वापस आए हैं. करीब 7 हजार 261 करोड़ रुपये के नोट अभी भी लोगों के पास है. यहां बता दें कि 19 मई 2023 से 2 हजार रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद 2 हजार रुपये के नोट चलन में हैं और अभी तक जारी किए जा चुके सभी नोट रिजर्व बैंक (RBI) को वापस नहीं मिले है.
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