जयपुर। वन स्टेट-वन इलेक्शन की कवायद के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर पालिका चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए आयोग ने सभी जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जिन नगर पालिकाओं का कार्यकाल इसी साल पूरा होने जा रहा है, उनमें मतदाता सूचियां तैयार करने के लिए प्रगणकों की नियुक्ति की जाए। ये आदेश राज्य निर्वाचन आयोग की मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सचिव नलिनी कठोतिया की ओर से जारी किए गए हैं।
आदेश में जिला कलक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य की जिलों की नगर पालिकाओं के दो हजार वार्डों में इस साल के अंत में आम चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम आयोग की ओर से जल्द जारी किया जाएगा। इसके साथ ही नगर पालिका की वार्ड और भागवार मतदाता सूची तैयार करने के लिए प्रगणकों की आवश्यकता होगी। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से वार्डों के पुनर्गठन एवं परिसीमन का कार्य में प्रक्रियाधीन है। नवीन पुनर्गठन एवं परिसीमन के अनुसार वार्डों की संख्या के आधार पर संभावित भागों का आंकलन करने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रगणकों की नियुक्ति की यह होगी प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रगणकों की नियुक्ति के लेकर दिशा निर्देश भी दिए हैं। उनके अनुसार प्रत्येक वार्ड अथवा भाग में एक ही प्रगणक की नियुक्ति की जाएगी। वार्ड के बीएलओ को ही प्रगणक नियुक्त किया जाएगा। प्रगणक किसी भी राजनीतिक दल की गतिविधियों में शामिल नहीं होगा।
इन निकायों का होगा कार्यकाल पूरा
इसी नवम्बर माह की 25 तारीख को पांच नगर निगमों अलवर, बीकानेर, भरतपुर, पाली और उदयपुर, 20 नगर परिषदों पुष्कर, ब्यावर, भिवाड़ी, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बालोतरा, चित्तौड़गढ़, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, फलौदी, डीडवाना, मकराना, सीकर, नीमकाथाना, श्रीगंगानगर, सिरोही और टोंक तथा नगर पालिकाओं नसीराबाद, थानागाजी, गढ़ी, छबड़ा, मांगरोल, रूपवास, निम्बाहेड़ा, रावतभाटा, राजगढ़, महवा, भीनमाल, पिलानी, बिसाऊ, सांगोद, कौथून, सुमेरपुर, नाथद्वारा, आमेट, खाटू श्यामजी, सूरतगढ़, माउंट आबू, शिवगंज, पिण्डवाड़ा और कानोड़ का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
बजट में की थी घोषणा
राजस्थान में वन स्टेट-वन इलेक्शन की घोषणा वित्त मंत्री दिया कुमारी ने गत दस जुलाई को राजस्थान विधानसभा में पेश किए बजट में की थी। इसके लिए अध्यादेश के जरिए कानून बदला जाएगा, लेकिन इससे पहले सिफारिश के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन किया जाएगा, जो विधानसभा उप चुनावों की आचार संहिता खत्म होने के बाद ही संभव है। राज्य सरकार इन निकायों में प्रशासक लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए विधि विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।