चौमहला। राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में नल के बिल माफ कर रखे है। आम नागरिकों को नि:शुल्क शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है, लेकिन यह दावा यहां थोथा साबित हो रहा है। चौमहला ग्राम पंचायत मुख्यालय होने के बाद भी जलदाय विभाग द्वारा नल के बिल जारी किए जा रहे है, जबकि चौमहला के समीप ही तहसील मुख्यालय गंगधार,पंचायत समिति मुख्यालय डग में उपभोक्ताओं को नि:शुल्क पानी उपलब्ध किया जा रहा है। विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को नोटिस थमा कर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है नोटिस में बिल की राशि देख कर उपभोक्ताओं के होश उड़ रहे है। राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में नलों के बिल माफ कर रखे है उपभोक्ताओं को नि:शुल्क पानी उपलब्ध कराने के आदेश जारी कर रखे है लेकिन इस योजना का चौमहला कस्बे के उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल नहीं मिल रहा है जबकि चौमहला से समीप गंगधार व डग कस्बे में लोगो को नि:शुल्क पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। चौमहला ग्राम पंचायत मुख्यालय होने के बाद भी नल के बिल जारी किए जा रहे है, जिससे लोगों में रोष है। राजस्थान सरकार की घोषणा के बाद से लोगों ने नल के बिल जमा करना बंद कर दिया था,जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग द्वारा बिल नहीं जमा कराने वाले उपभोक्ताओं को नोटिस थमा कर नल कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है। विभाग के नोटिस देख कर उपभोक्ताओं के होश उड़ रहे है बस स्टेंड निवासी अशोक कुमार को एक लाख दो हजार तीन सो नब्बे रुपए का नोटिस मिला। इसी तरह किसी उपभोक्ता को 18 हजार किसी को 35 हजार रु जमा कराने को कहा गया। इसी तरह बकायादारों को नोटिस दिए जा रहे है। बकाया बिलो में पेलंटी ब्याज भी जोड़ा गया है। चौमहला ग्राम पंचायत होने के बाद भी विभाग ने इसे शहरी क्षेत्र में ले रखा है। इस कारण नलों के बिल जारी हो रहे है, इस योजना की घोषणा होने के बाद से कस्बेवासियों द्वारा लगातार इसके प्रयास किए जा रहे है यहां भी नलों के बिल माफ हो स्थानीय नागरिकों, व्यापार संघ ने कई बार उच्च अधिकारियों से इस बारे में अवगत कराया। पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान स्थानीय प्रतिनिधि मंडल ने जलदाय विभाग के मंत्री से मिल कर इस समस्या से अवगत कराया था,उन्होंने भी इसे विभाग की गलती माना था तथा इसके सुधार के आदेश जारी किए थे लेकिन आज तक सुधार नहीं हो सका। विभाग की गलती का खामियाजा जनता भुगत रही है। कस्बे वासियों द्वारा जिला कलेक्टर ,उपखंड अधिकारी की जनसुनवाई,प्रशासन गांव के संघ शिविर में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हो सका।
सालों से एकांतरे जलापूर्ति
विभाग ने चौमहला को शहरी क्षेत्र में ले रखा है लेकिन सुविधा ग्रामीण क्षेत्र से भी खराब है, मुख्य पेयजल स्त्रोत छोटी काली सिंध नदी में पर्याप्त पानी होने के बाद भी कई सालों से एकांतरे एक दिन छोड़ एक दिन जलापूर्ति की जाती है लोगो को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है हर साल गर्मी के दिनों में पेयजल संकट गहराता है। लोगो को पानी के लिए निजी ट्यूबवेल पर इधर उधर फटकना पड़ता है।कई बार मोटर खराब होने,लाइन लीकेज होने पर चार चार दिन में आपूर्ति होती है।
चौमहला ग्राम पंचायत मुख्यालय है जलदाय विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की सुविधा दी जा रही है, एक दिन छोड़ एक दिन जलापूर्ति की जाती है,नल के बिल माफ होने चाहिए।
– पवन पिछोलिया, अध्यक्ष किराना व्यापार संघ
सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में नि:शुल्क जलापूर्ति की जा रही है, जो चौमहला क्यों बिल जारी हो रहे है, यहां भी बिल माफ हो।
– मकसूद अली बोहरा स्थानीय निवासी
चौमहला की पेयजल योजना शहरी क्षेत्र के नाम से स्वीकृत है, जब 2006 में यह योजना बनी थी तब से यह शहरी क्षेत्र में ही है इसलिए इसे ग्रामीण क्षेत्र में नहीं मान सकते।
– मोहनलाल मीणा, सहायक अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग चौमहला
इस विषय को लेकर विभाग के अधिकारियों से चर्चा की है,जलदाय विभाग के मंत्री से मुलाकात कर इसका समाधान करने का प्रयास किए जाएंगे।
– कालूराम मेघवाल, विधायक डग विधान सभा क्षेत्र