जयपुर । शहर में दुपहिया वाहन की चोरी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आमतौर पर राज्य के दूसरे हिस्सों से आने वाले वाहन चोर वाहनों को अपने साथ लेकर चुरा ले जाते हैं और वही पर कम दामों में बेच देते हैं, जबकि कुछेक वाहन चोर अपने वाहनों को शहर में बेचते हैं, जो वाहन के पार्ट्स अलग-अलग कर बेचते हैं। ऐसी अनेक वारदातें शहर में खुली हैं-जब बदमाशों ने चोरी की बाइक से चोरी, नकबजनी, डकैती सहित अन्य घटनाओं को अंजाम दिया हैं।
केस एक: पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी क्राइम ब्रांच और एसएमएस थाना पुलिस ने इसी साल 12 अक्टूबर को एक शातिर वाहन चोर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी की दो बाइक बरामद की थी। आरोपी वाहन को शहर में ही औने-पौने दामों में बेच देता है।
केस दो: खो-नागोरियान थाना पुलिस ने 11 नवम्बर दो शातिर बाइक चोरों को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन बाइक बरामद की थी। आरोपी वसीम खान और सोयब खान ने पूछताछ में बताया कि वाहनों को काटकर बेच देते हैं।
केस तीन: ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस और डीएसटी पूर्व ने 9 नवम्बर को वाहन चुराने वाले दो शातिर वाहन चोर गिरफ्तार किए थे। आरोपी वाहनों को दूर-दराज स्थानों पर ले जाकर बेच देते थे।
केस चार: जवाहर नगर थाने में पिछले दिनों 274 एप्पल के मोबाइल चोरी हो गए थे। बदमाशों ने चोरी की बाइक का ही उपयोग कर घटना को अंजाम दिया था।
बदमाश चोरी के वाहन से चोरी, नकबजनी, डकैती की वारदातों को अंजाम देते हैं। दुपहिया वाहन चोरी का होने से पुलिस भी आसानी से बदमाश तक नहीं पहुंच पाती हैं, चोरी करने के बाद वे बाइक पर दूसरी नम्बर प्लेट लगा लेते हैं। सुदूर गांवों मे ले जाकर बाइक औने-पौने दामों में बेच देते हैं। पुलिस कमिश्नरेट के एक अधिकारी ने बताया कि शहर से दूर गांव में बाइक को बेचने से पुलिस उस बाइक तक नहीं पहुंच पाती है। यदि वे कभी जयपुर में भी लेकर आए तो उसे इतना मोडिफाइ करवा लेते हैं कि आसानी से पहचान में नहीं आती है। अनेक पुलिस जांच में सामने आया है कि बाइक को खोलकर पुर्जे-पुर्जे भी बेच देते हैं। शहर में अक्टूबर तक दुपहिया वाहन चोरी की 4908 मुकदमें दर्ज हुए हैं, जबकि सितम्बर माह में 4456 मुकदमें दर्ज हुए थे।