कोटा। शहर में जगह-जगह मोटर मार्केट में काम करने वाले मैकेनिकों के लिए तत्कालीन नगर विकास न्यास(केडीए) ने करोड़ों रुपए खर्च कर आधुनिक मोटर मार्केट बनाकर सभीको एक हीजगह पर दुकानें आवंटित की थी। मार्केट कोशुरू हुए करीब एक साल का हीसमय हुआ है लेकिन यह कागजों में ही आधुनिक बनकर रह गया। जबकि हकीकत में यह कचरा घर बन गया है। डीसीएम रोड पर मल्टीमेटल के सामने तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने मोटर मार्केट बनवाया था। नगर विकास न्यास द्वारामेन रोड पर शुरुआत में 311 मैकेनिकों के लिए दुकानें बनाई गईथी। बाद में दुकानों की संख्या बढ़ाकर 580 कर दी गई। ये दुकानें एरोड्राम चौराहा समेत अन्य स्थानों पर व्यवसाय कर रहे मोटर मैकेनिकों को पुनर्वास करने के लिए दी गई थी। इस मार्केट काउद्घाटन करनेके दौरान यहां सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावे किए गए थे। लेकिन वर्तमान में वे दावे हकीकत में नजर नहीं आ रहे है। मार्केट में 10 गुणा 10 वर्ग मीटर की दुकानें बनाई गई है। यहां दुकानों के आगे चारों तरफ 60 फीट का रोड बनाया हुआ है। प्रवेश व निकास के लिए 4 द्वार बनाए गए है। पूर्व में दुकानदारोंको 2.99 लाख रुपए में दुकानें आवंटित की गई हैं।
यह है वर्तमान स्थिति
मोटर मार्केट में संजय नगर आरओबी कीतरफ से मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही दांयी तरफ से कचरे के ढेर दिखना शुरूहो जाते हैंजो थोड़ी-थोड़ी दूरीपर पूरे मार्केट में लगे हुए हैं। कईजगह पर तो मरम्मत होने आई कारें ही कचरे के ढेर पर खड़ी हुई है। कहीं पुरानी व मरम्मत होने आई कारों के चारों तरफ इतना अधिक कचरा हो रहा है कि ऐसा लगता है जैसे कचरा घर में वाहन खड़े हों। मार्केट में बने कई ब्लॉक में तो दुकानों के सामने व मेन रोड पर ही कचरे का अम्बार लगा हुआहै। जिससे पूरा मार्केट सड़ांध मार रहा है।
टिपर आ रहे ना सफाई कर्मचारी
मोटर मार्केट के चौकीदार से लेकर दुकानदारों तक का कहना है कि मार्केट बनने के बाद से यहां अभी तक न तो कचरा उठाने के लिएटिपर आए हैं और न हीसफाई कर्मचारी आ रहेहै। दुकानदार अपनीदुकानों केआगे सफाई करके कचरा साइड मेंडाल रहेहैं। जिससे वहां चारों तरफ कबरे का ढेर लग रहा है। कई दुकानदारों का तोकहना हैकि कचरे केकारण दुर्गंध का सामना तो करना ही पड़ रहा है।दिनभर दुकान पर रहने से यहां मच्छर जनित बीमारियों तक से लोग पीड़ित होरहे है। लेकिन मार्केट बनने के बाद से न तो नगर निगम का और न ही केडीए का कोईअधिकारी यहांआए। जिससे दुकानदारों को ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नालियां जाम, पानी निकासी तक नहीं
मोटर मार्केट में चार दीवारी के सहारे चारों तरफ बनी नालियां कचरे से इतनी अधिक अटी हुई हैं कि उनमें से पानी तक निकलने की जगह नहीं है। नालियों में मार्केट के कचरे केअलावा निर्माण के समय का मलबा तक भरा हुआ है।
निगम व केडीए में उलझी सफाई व्यवस्था
मोटर मार्केट के व्यापारियों का कहना हैकि मार्केट की सफाई व्यवस्था नगर निगम और केडीएके बीच उलझ रहीहै। इस मार्केट का निर्माण केडीएने करवाया है।इसकारण से नगर निगम यहां सफाई नहीं करवा रहा। जबकि सफाई काकाम निगम का ही है। वहीं केडीए अधिकारी न्यास से केडीए बनने की व्यवस्थाओं के चलते कोई निर्णय नहीं कर पा रहे हैं।
निगम-केडीए अधिकारियों को कराया अवगत
मोटर मार्केट के कोषाध्यक्ष व कार्यवाहक अध्यक्ष मोहम्मद एजाजने बताया कि मार्केट में वर्तमान में करीब 200 सेअधिक दुकानदार व्यवसाय कर रहे हैं। मार्केट को शुरुहुए करीब एक साल हो गया अभी तक यहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। न तो सफाई कर्मचारीआ रहे हैं और न ही कचरा उठाने के लिए टिपर। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केडीए व निगम अधिकारियों सेकई बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर और कई बार लिखित मेंअवगत कराया जा चुका है। लेकिन अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे है। जिससे दुकानदारों को परेशानीका सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं और नालियां जाम हैं।
पीने के पानी और जन सुविधा तक नहीं
मोहम्मद एजाज ने बताया कि मोटर मैकेनिकों के लिए अच्छा मार्केट तो बना दिया। लेकिन यहां न तो पीने के पानी की सुविधा है और न ही जन सुविधा की। बोरिंग का पानी आता है लेकिन उसमें मिट्टी आनेसे वह पीने केकाम तक नहींआता। कैम्पर मंगवाकर काम चलना पड़ रहा है। पुरुष शौचालय है लेकिन उसकीसफाई नहीं होती। महिलाओं के लिए जन सुविधा की कोई व्यवस्था नहीं है। पानीकीलाइन डलवाने केलिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन उनका जवाब रहता है कि कॉलोनियों में ही पानी नहीं पहुंचरहा मोटर मार्केट में कहां से पानी देंगे।
जानकारी करके बताऊंगा
नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त अशोक त्यागी ने बताया कि मोटर मार्केट में सफाई की व्यवस्था के संबंध में उन्हेंजानकारी नहीं है। वह इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारी से पता कर सोमवार को इस मामले को दिखवाएंंगे।