कोटा। टोल टैक्स चुकाने के बावजूद हाइवे पर वाहन चालकों को जोखिमभरा सफर करने को मजबूर हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों की शह पर टोल एजेंसी जैन चैतको मनमानी कर रही है। टोल वसूलने वाली कम्पनी सिर्फ पैसा वसूलने में लगी है। वाहन चालकों की सुविधा व हिफाजत से कोई सरोकार नहीं है। वहीं, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी लापरवाह बने हुए हैं। उम्मेदपुरा से दीगोद तक जगह-जगह सड़क किनारे खोद कर खुला छोड़ दिया। एक-एक फीट गहरे गड्ढ़ों के आसपास कोई बैरीकेडिंग नहीं करवाई गई। यह गड्ढ़े रात के समय वाहन चालकों को एकाएक दिखाई नहीं देते, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। हाल ही में बाइक सवार दम्पति बाइक सवार गहरे गड्ढ़े में गिरने से चोटिल हो चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों को टोल एजेंसी की लापरवाही दिखाई नहीं दे रही। जबकि, सुल्तानपुर एईएन व जेईएन का आए दिन इसी रोड से कोटा आना जाना होता है। फिर भी सड़कों के जानलेवा हालात देख नजर अंदाज कर रहे हैं।
बाल-बाल बची बाइक सवार दम्पती की जान
एडवोकेट जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इन दिनों टोल एजेंसी द्वारा सड़क मरम्मत का काम करवाया जा रहा है। इसके लिए हाइवे की एक लेन पर सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से को 10 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा ब्लॉक बनाकर सड़क के उस हिस्से को काट दोबारा बनाया जा रहा है। पिछले रविवार को शाम 6.30 बजे कोटा से सुल्तानपुर की तरफ जा रहे बाइक सवार दम्पती की बाइक का अगला टायर 1 फीट गहरे गड्ढे (सड़क काट बनाए गए ब्लॉक) में गिर गया। जिससे पीछे बैठी महिला सड़क पर गिर पड़ी। वहां काम कर रहे मजदूरों ने बाइक पीछे से खींच अगला टायर बाहर निकाला। दरअसल, ब्लॉक के आसपास ड्रम रखे हुए थे, जिन पर रेडियम नहीं लगे होने से अंधेरा में ड्रम दिखाई नहीं दिए और टकराकर बाइक का टायर गड्ढ़े में उतर गया।
दीगोद से सुल्तानपुर तक जानलेवा सफर
स्टेट हाइवे-70 पर जोखिमभरा सफर दीगोद से ही शुरू हो जाता है, जो सुल्तानपुर तक जारी रहता है।। 12 किमी की इस सीसी सड़क पर जगह-जगह गहरी दरारें व गड्ढ़े हो रहे हैं। जिसमें टायर उलझने से बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। हालात यह है, सड़क के दोनों हिस्सों के बीच करीब 3 इंच चौड़ी और 2 इंच गहरी दरारें हैं। जिनमें टायर फंसने से दुपहिया वाहनों का बैलेंस बिगड़ रहा है। कई बार वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं।
3 फीट चौड़े व 8 फीट लंबे गड्ढ़े खोद खुले छोड़े
स्टेट हाइवे-70 पर इन दिनों मेंटिनेंस का कार्य चल रहा है। उम्मेदपुरा से दीगोद तक सीसी सड़क के किनारों पर 3 फीट चौड़ी और 8 फीट लंबे खाईनुमा गड्ढ़े खोद दिए हैं। जिनके आसपास कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई। रात को हाइवे पर अंधेरा रहता है। ऐसे में यह खाईनुमा गड्ढ़े वाहन चालकों को एकाएक दिखाई नहीं देते। जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। वहीं, जाम के हालत बने रहते हैं। शिकायत के बादवजूद यहां कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई।
दरारों में टायर फंसने से महिला की हो चुकी मौत
स्टेट हाइवे 1-ए पर गत 9 फरवरी को सड़क के दो हिस्सों के बीच हो रही गहरी दरारों में टायर फंसने से बाइक अंसतुलित हो गई और बाइक सवार महिला गायत्री की सिर के बल सड़क पर गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पिता महावीर प्रजापति व 4 माह का पुत्र चोटिल हो गया था। गेंता से इटावा के बीच इस सड़क के दो हिस्सों के बीच करीब 4 इंच चौड़ी व 3 इंच गहरी दरारें आ रही थी। जिसकी जानकारी होते हुए भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आंखें मूंदे रहे। उनकी लापरवाही से हंसता खेलता परिवार उजड़ गया।
हाइवे पर सफेद लाइनिंग भी नहीं
पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्टेट हाइवे-70 का टोल संग्रह करने की जिम्मेदारी टोल कम्पनी को सौंपा हुआ है। लेकिन, टोल कम्पनी सिर्फ टैक्स वसूलने में ही मशगूल है। जबकि, मेंटिनेंस, रोड मार्किंग व संकेतक बोर्ड लगाने पर कोई ध्यान नहीं है। दीगोद से सुल्तानपुर तक हाइवे पर सफेद रंग की लाइनें तक नहीं करवाई गई। जिससे रात को हाइवे पर दौड़ने वाले वाहनों को साइडों का पता नहीं लग पाता। कई बार वाहनों में आमने-सामने की भिडंत हो जाती है।
बाइक सवारों को सबसे ज्यादा खतरा
सुल्तानपुर से दीगोद तक सीसी सड़क पर 3 इंच चौड़ी और 2 इंच गहरी दरारों से दुर्घटना का सबसे ज्यादा खतरा बाइक सवारों को है। कई बार ओवरटेक के दौरान भारी वाहन सड़क की दूसरी साइड पर आ जाते हैं। ऐसे में सामने से आने वाले बाइक सवारों को साइड देने के लिए दूसरी लेन पर जाना पड़ता है। इस दौरान पहिया दरारों में फंसने से बाइक असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं। पूर्व में कई बाइक सवार हादसों का शिकार हो चुके हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
मामला संज्ञान में आया है। इसे दिखाकर सही करवाएंगे।
-अंकित कुमार, एईएन पीडब्ल्यूडी सुल्तानपुर
सड़क मरम्मत का काम जारी है। कुछ जगहों पर सड़क का मलबा पड़ा है। जिसे दुरुस्त करवा रहे हैं। वहीं, सड़कों के बीच हो रहे गेप को भरने के लिए बाहर से टीम आ रही है। जल्द समाधान होगा।
-आरके सोनी, एसई पीडब्ल्यूडी कोटा
अधिकारियों के खिलाफ दर्ज करवाएंगे मुकदमा
हाइवे पर यह स्थिति वाहन चालकों के लिए जानलेवा है। सड़क के मेंटिनेंस व यात्रियों की सुविधा की जिम्मेदारी टोल एजेंसी की है। एजेंसी काम कर रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा पीडब्ल्यूडी का है। सड़क हालातों से पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की घोर लापरवाही नजर आ रही है। यदि, हालतों में जल्द सुधार नहीं करवाए तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही और आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाएंगे।
-सुजीत स्वामी, अधिवक्ता हाईकोट जयपुर
टोल वसूली के बाद भी जानलेवा सफर
टोल देने के बावजूद वाहन चालक जोखिमभरा सफर करने को मजबूर है। दीगोद से सुल्तानपुर तक पिछले साल से ही सड़क पर 3 इंच चौड़ी और 2 इंच गहरी दरारें हो रही हैं। जिसकी वजह से कई बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल हो चुके हैं। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की शह पर टोल कम्पनी मनमानी कर रही है। पीडब्ल्यूडी व टोल एजेंसी के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश करेंगे। अभिभाषक परिषद दीगोद की ओर से पूर्व में टोल एजेंसी के खिलाफ कोटा स्थाई लोक अदालत इस्तगासा पेश किया हुआ है, जो विचाराधीन है।
-जितेंद्र शर्मा, एडवोकेट, महासचिव, अभिभाषक परिषद दीगोद
टोल मैनेजर का स्वीच आॅफ रहा मोबाइल
चेतक जैनको टोलवेज कम्पनी के मैनेजर संदीप भदौरिया को मामले में उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया लेकिन उनका फोन स्वीच आॅफ रहा।