सर्दी में जायका बिगाड़ रहे प्याज व लहसुन

कोटा। सर्दी के मौसम में प्याज और लहसुन के भाव ज्यादा होने के कारण सब्जियों का जायका बिगड़ रहा है। हरी सब्जियों की आवक होने से भाव में गिरावट आने लगी है, लेकिन प्याज और लहसुन के भाव अभी भी तेज बने हुए हैं। सरकार ने प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है और विदेशो में तीन लाख मीट्रिक टन निर्यात को मंजूरी दे दी है। इस कारण आमजन के लिए प्याज सस्ता नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में कोटा की प्रमुख सब्जीमंडी में प्याज के भाव 50 से 60 रुपए प्रति किलो बने हुए हैं। इससे ज्यादा खराब स्थिति लहसुन की हो रही है। लहसुन की बुवाई का कार्य होने से इसके भाव 200 से 300 रुपए प्रति किलो बने हुए हैं। सब्जियों को स्वाद बढ़ाने के लिए प्याज और लहसुन का उपयोग किया जाता है, लेकिन अभी भाव ज्यादा होने से स्वाद बिगड़ रहा है।

कीमतें बढ़ी तो लगाया था बैन
पिछले साल दिसंबर महीने में प्याज की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली थी। तब प्याज के दाम 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए थे। इसके बाद केन्द्र सरकार सक्रिय हुई। प्याज के उत्पादन में कमी और आसमान पर पहुंची कीमतों के चलते केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया था। इससे प्याज के भावों में लगातार गिरावट होने लगी थी। 80 से 100 रुपए किलो बिकने वाले प्याज के भाव 50 से 60 रुपए किलो पर आ आ गए थे। अब नई प्याज की आवक होने से इसके भावों में और गिरावट होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब प्याज के निर्यात से बैन हटने के बाद प्याज के भाव स्थिर हो गए हैं। इससे अभी भी लोगों को महंगा प्याज खरीदना पड़ रहा है। 

अलवर से आ रहा गीला प्याज
थोक सब्जीमंडी के व्यापारी सद्दाम वारसी ने बताया कि अलवर में लाल प्याज का उत्पादन होने लगा है और कोटा सहित प्रदेश की अधिकांश मंडियों में लाल प्याज की आवक होने भी लगी हैं, लेकिन अभी लाल प्याज गीला आ रहा है। इसमें नमी की मात्रा अधिक है। ऐसे में ग्राहक इसे खरीदने से कतरा रहे हैं। इसके भाव भी 50 रुपए किलो बने हुए हैं। इसके अलावा इन्दौर से सफेद प्याज आ रहा है, जो सूखा है, लेकिन यह 60 रुपए किलो में बिक रहा है। वारसी ने बताया कि यदि प्याज के निर्यात से बैन नहीं हटता तो प्याज के भावों में 10 से 15 रुपए किलो तक गिरावट आ सकती थी। विदेशों में प्याज भेजने के कारण यहां पर दाम कम नहीं हो रहे हैं। 

लहसुन खरीदने से बना रखी दूरी
पिछले दो साल से लहसुन के भावों में तेजी बनी हुई है। इससे भाव 200 रुपए किलो से कभी नीचे ही नहीं आए। दो साल से किसानों को भाव ज्यादा मिलने के कारण इस साल लहसुन की बुवाई का रकबा अधिक हो गया है। इस समय लहसुन की बुवाई का दौर चल रहा है। ऐसे में लहसुन के बीज की डिमांड बनी हुई है। इस कारण लहसुन के भाव खुले बाजार में 200 से 300 रुपए प्रति किलो के बीच बने हुए हैं। थोक मंडी के व्यापारी अशोक कुमार ने बताया कि लहसुन की ग्राहकी काफी कम हो रही है। इसके भावों में गिरावट नहीं होने से अब ग्राहकों ने खरीदने की मात्रा कम कर दी है। अब अधिकांश ग्राहक केवल 250 ग्राम लहसुन खरीद कर काम चला रहे हैं। बाजार में लहसुन की बिक्री भी कुछ ही व्यापारी करते हैं। 

प्याज सभी सब्जियों में काम आता है। अब दाम में तेजी से खरीदारी में कटौती करनी पड़ रही है। हर साल सर्दी के मौसम में प्याज के दाम कम हो जाते हैं, लेकिन इस साल भावों में कमी नहीं हो रही है। इससे सब्जियों का जायका ही बिगड़ रहा है।
– सुलोचना देवी, गृहिणी 

सरकार ने प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है और विदेशो में तीन लाख मीट्रिक टन निर्यात को मंजूरी दे दी है। इस कारण आमजन के लिए प्याज सस्ता नहीं हो पा रहा है। लहसुन के भाव तो 200 रुपए किलो से नीचे ही नहीं आए हैं।
– भूपेन्द्र सोनी, थोक सब्जी विक्रेता 

Bhagirath Dhaka Bishnoi

Bhagirath is a journalist from Barmer, Rajasthan. He has worked in many Media houses including Dainik Bhaskar, Rajasthan Patrika And Zee Media. Currently the founder of SB News Tv.

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