श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने किश्तवाड़ जिले में एक ऑपरेशन के दौरान कथित तौर पर नागरिकों के जम्मू-कश्मीर के दुर्व्यवहार की जांच शुरू करने के सेना के बयान के एक दिन बाद, केंद्र शासित प्रदेश सरकार से त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है ताकि जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके। सेना ने कहा कि किश्तवाड़ सेक्टर में आतंकवादियों के एक समूह की आवाजाही की विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर बुधवार को राष्ट्रीय राइफल्स की ओर से एक तलाशी अभियान शुरू किया गया। सेना की व्हाइट नाइट कोर ने गुरुवार शाम एक्स पर एक पोस्ट में कहा, अभियान के संचालन के दौरान नागरिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार की कुछ रिपोर्टें हैं।तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की जा रही है। आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। आतंकवादियों के समूह की आगे की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किश्तवाड़ जिले में नागरिकों पर गंभीर अत्याचार के आरोपों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि किश्तवाड़ से गंभीर यातना के आरोप सामने आए हैं, जो हमें इस साल की शुरुआत में बाफलियाज सुरनकोट में हुई परेशान करने वाली घटनाओं की ओर ले जाते हैं। कुआथ गांव के सज्जाद अहमद, अब्दुल कबीर, मुश्ताक अहमद और मेहराज-उद-दीन को पूछताछ के लिए सेना शिविर में बुलाया गया जहां उन्हें कथित तौर पर अत्यधिक शारीरिक यातना दी गई। पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे जघन्य मानवाधिकार उल्लंघनों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि किश्तवाड़ में इस महीने कई आतंकवादी हमले हुए हैं। दस नवंबर को जिले के चस्क इलाके में गोलीबारी में सेना की विशिष्ट अर्धसैनिक इकाई के एक जूनियर कमीश्नर अधिकारी की जान चली गयी। इसके अलावा, तीन दिन पहले, जिले के केशवान जंगलों में दो ग्राम रक्षा गार्डों का अपहरण कर लिया गया था और उनकी हत्या कर दी गई थी।