जयपुर। अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वत मामले में दर्ज हुई एफआईआर पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पीसीसी में इस मामले में केंद्र सरकार से जेपीसी जांच की मांग की है। डोटासरा ने कहा कि अडानी प्रकरण में अमेरिकी निवेशकों के माध्यम से निवेश में भारतीय अधिकारियों को 2 हजार करोड़ की रिश्वत मामले में अमेरिकी कोर्ट ने टिप्पणी की, तो एफआईआर दर्ज हुई। पीएम मोदी वैसे तो विपक्ष के नेताओं पर टेम्पो भर-भर के वाले आरोप लगाते हैं, लेकिन इस मामले में कुछ नहीं बोलकर विदेशों में घूम रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मोदी के मित्र बताए जाते हैं और अडानी ने पहला झटका अमेरिका को ही दिया है। देश की जांच एजेंसियां सेबी, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स को अडानी जैसे प्रकरण में आरोप नजर नहीं आ रहे, जबकि विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और नेताओं को घेरने में लगे रहते हैं। मोदी सरकार की अडानी से मिलीभगत से बिजली, एयरपोर्ट सहित अन्य जरूरी चीजों को अडानी की कम्पनियों को दे दिया। पहले कृत्रिम शेयर बढ़ाए और अब 23 प्रतिशत गिरावट हो गई। इससे नुकसान तो आम आदमी का पैसा ही डूबता है। राहुल गांधी भी काफी समय से अडानी प्रकरण में 100 सवाल कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने एक भी सवाल का जबाव नहीं दिया। अडानी मामले में हमारी जेपीसी जांच की मांग को भी नहीं मान रहे।
अडानी प्रकरण में जांच कर सच्चाई सामने लाए मोदी सरकार : जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राहुल गांधी की जेपीसी जांच की मांग को उठाते हुए हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि जांच कर सच्चाई सामने लाई जाएं। देश, प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। ऐसे में अडानी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट की जांच की जानी चाहिए। भजनलाल सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार पिछले 11 महीने में कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रही।